सिंधु घाटी की सभ्यता की राजनैतिक स्थिति
क्योंकि इस काल का कोई लिखित साक्ष्य प्राप्त नहीं होता है। अत: अनुमान लगाया गया है कि यहां जनतांत्रिक शासन व्यवस्था थी तथा प्रशासन मे पुरोहित एवं वणिक वर्ग की अहम भूमिका थी। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो को एक विस्तृत साम्राज्य की जुडवा राजधानी स्टुअर्ट पिग्गट ने कहा है ।
सामाजिक स्थिति
सिंधु समाज मातृ प्रधान था और समाज में व्यापारिक वर्ग सबसे प्रभावशाली थे अन्य शिक्षित वर्ग के अंतर्गत चिकित्सक, पुरोहित, आदि आते थे तथा कृषक, मजदूर, शिल्पकार आदि सामान्य लोग थे। कुम्हारों का समाज में विशेष स्थान था । दास प्रथा के स्पष्ट प्रमाण नहीं मिले लेकिन दास प्रथा तथा बंधुआ मजदूर रहे होंगे ऐसा माना जाता है।
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